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सूरज, सूरज सा
चाँद, चाँद
कुत्ता, कुत्ता सा
गिरगिट, गिरगिट
फूल, फूल सा
शूल, शूल
मित्र ! कब दिखेगा
आदमी, आदमी सा
लोक का स्वर
यानी ऐसा मंच जहाँ हर उसकी आवाज़ शामिल होगी जिन्हें हम अक्सर हाशिया कहते हैं ..इस नए अग्रिग्रेटर से आज ही अपने ब्लॉग को जोड़ें.
14 comments:
बेहतरीन!!
वाह बहुत खूब....
सजीव सारथी
www.podcast.hindyugm.com
bahut khoob...
achhi achhi aashaayen rakhiye... yah din bhi jald hi ayega
बहुत शानदार!!!
जिस सादगी से आपने अपनी बात रखी है वो काबिले तारीफ है
सच-मुच आज के दोर मैं आदमी, आदमी नहीं रहा
लेकिन आदमी आसमान से नहीं उतरने वाला
ये फ़र्ज़ तो आपको और हमें ही निभाना होगा
बहुत सुंदर,,,,क्या बात है, क्या खूब कही, सादे पकवान में इतना लजीज स्वाद, पहले कभी नहीं चखा..आपको साधुवाद|
दुनिया का कुछ अजीब सा मंज़र हो गया,
कलतक जो दरिया था, आज समंदर हो गया|
कहतें हैं बुजुर्ग बन्दर से इन्सां है बना,
आज वही इन्सां फिर से बन्दर हो गया|
waah kya baat kahi hai chand alfaazon mein....pata nahi kab dikhega aadmi sa.
aadmi aadmi sa jane kab dikhega
bhaut sachhi baat
शहरोज का अपना कविता संसार है ,बेजान शब्दों में जान फुकनी हो तो शहरोज को उधार दे दीजिये ,सीधे साधे शब्दों से बाढ़ की स्थिति पैदा कर देना इनकी फितरत है ,इस कविता को पढ़कर ऐसा ही लगा |सही ही कहा है किसी ने 'दुनिया न जीत पाओ तो हारो न खुद को तुम थोडी बहुत तो जेहेन मे नाराजगी रहे '|ये नाराजगी कायम रखना मेरे मित्र बस इसी की जरुरत है |
bahut khoob!!
शब्द कम और बात बड़ी हो तो कविता " कबीर " हो जाती है ! विश्वाश है कि आप हैरतज़दा न होंगे
Bahut Khubsurat Bandhu.
Blog is such a splendid platform..thousands of talented writers have got chance to share their thoughts..otherwise it was next to impossible that people like me would have ever picked read
प्रिय शहरोज, आपका ब्लॉग देखा- आपकी सोच के बारे मे जानकर खुशी मिली, खासकर मुस्लिम महिलाओ के बारे में, वाकई बेइल्म कौम मुर्दा समान है। मेरे उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।
आपका ब्लॉग पढ़ा, बहुत अच्छा लगा,
आपने हर घटित होती घटना का यथार्थ चित्रण किया है अपने ब्लॉग में......
हर बात जो घटित होती है उस पर आपने अपनी कलम से अपने विचार प्रकट किये है......
हर बात के सम्पूर्ण सच को गहराई से लिखा है आपने..
मैंने भी कुछ विषयो पर लिखा है पर कभी कही पर प्रकाशित करने का मोका नहीं मिला........
क्यूंकि वो सिर्फ मेरे विचार है.........उस पर जन्सहमती भी होने ज़रूरी है.,
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