(
आयेश और आमश के लिए )
हमारे पास कुछ भी नहीं है
चंद औराक गर्दिशे -दोराँ के
चंद नसीहतें जो नस्ल दर नस्ल हम तक पहुंचीं
ऐसा विश्वास जहाँ श्रद्धा के अतिरिक्त
सारे सवाल अनुत्तरित और प्रतिबंधित
हैं
मैं कांपता था , लड़खडाने लगते थे क़दम
पसीने लगते थे छूटने
तुम मत डरना
कभी कुत्ते के भोंकने और बिल्ली के म्याओं म्याओं से
शिनाख्त रखना नहीं
न वजूद के पीछे
भागना
रैपर बन जाना
किसी भी साबुन की टिकया
का चमकदार और भड़क दार ,
टिकया के बारे में न सवाल करना न करने देना ;
वे एक सी होती हैं
सभी
हाँ !रैपर का नाम ही तुम्हारा होगा
यह मान बढायेगा तुम्हारा
अनुभव की पोटली से निकले ये चंद
सिक्के बेईमानी ,झूठ और मक्कारी
कल तुम्हारे मुद्रा -अस्त्र होंगे
सहेजकर रखना इस वसीयत
को
मुझे याद मत
करना
किरदार और गुफ्तार रफ़्तार की
रखना रेत के टीले मत बनाना ।
5 comments:
bahut achche..badhiya likha hai.
You are never too old for any feelings you have, just becarefull how you act on them.
gud keep it up
kya shabd hai ...u r really great....
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